जयपुर.पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश से लंबी अवधि के वीजा (एलटीवी) पर भारत में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदायों जैसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी एवं ईसाइयों के लिए केंद्र सरकार ने कई सुविधाएं बढ़ाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केबीनेट की बैठक में भारत में रहने वाले इन प्रवासियों को बैंक अकाउंट खोलने के साथ आवासीय संपत्ति खरीदने की अनुमति दे दी है।
वहीं, भारत की नागरिकता के लिए रजिस्ट्रेशन फीस की मौजूदा सीमा 15 हजार से घटा कर 100 रुपए कर दी है। प्रदेश में 17 हजार से अधिक प्रवासियों को सीधा लाभ मिल सकेगा।
केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों से देश की आर्थिक प्रणाली में इन लोगों को बिना भारतीय नागरिकता के शामिल करने में मदद मिलेगी। हिंदू प्रवासी अपने वीजा और फॉरेनर रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरओ) या फॉरेनर रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) की ओर से जारी रेजिडेंशियल परमिट के आधार पर बैंक अकाउंट्स खोल सकेंगे। सरकार का मानना है कि यह कदम उनकी कठिनाइयों में सहजता लाने के उद्देश्य से उठाए गए हैं।
केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों से देश की आर्थिक प्रणाली में इन लोगों को बिना भारतीय नागरिकता के शामिल करने में मदद मिलेगी। हिंदू प्रवासी अपने वीजा और फॉरेनर रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरओ) या फॉरेनर रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) की ओर से जारी रेजिडेंशियल परमिट के आधार पर बैंक अकाउंट्स खोल सकेंगे। सरकार का मानना है कि यह कदम उनकी कठिनाइयों में सहजता लाने के उद्देश्य से उठाए गए हैं।
केंद्रीय केबीनेट की प्रमुख घोषणाएं
-बैंक अकाउंट खोल सकेंगे। स्व नियोजन एवं स्वरोजगार के लिए आवासीय संपत्ति खरीदने की अनुमति। खुद का कारोबार करने की छूट। ड्राइविंग लाइसेंस, आधार एवं पैन कार्ड जारी किए जा सकेंगे। जिन राज्यों अथवा केंद्र शासित प्रदेशों में वे रह रहे हैं, वहां मुक्त आवागमन की अनुमति मिली। एक राज्य से दूसरे राज्य में लंबी अवधि के वीजा संबंधी कागजात के स्थानांतरण की सुविधा। कम अवधि के वीजा अथवा लंबी अवधी के वीजा का विस्तार समय रहते नहीं होने पर लगने वाले दंड में छूट। वर्तमान निवास स्थान से ही लंबी अवधि के वीजा के लिए आवेदन की अनुमति।