दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी की नेता सोनी सोरी के पिता को गोली मारने समेत सीआईएसएसफ के सात जवानों को विस्फोट में उड़ाने की वारदात को अंजाम देने वाली खूंखार नक्सली लखे को मच्छर से हार माननी पड़ी. मलेरिया से पीड़ित यह महिला नक्सली अब पुलिस की गिरफ्त में है.
कई खूंखार वारदातों को अंजाम देने वाली जनताना सरकार की अध्यक्ष लखे मलेरिया की शिकार हो गई है. वह एनएमडीसी अस्पताल में भर्ती थी. इस बात की सूचना पुलिस के स्मॉल एक्शन टीम को मिली. टीम ने रविवार को उसे एनएमडीसी अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया. खूंखार नक्सली लखे पर सरकार ने पांच लाख रुपये का इनाम रखा था.
एएसपी गोरखनाथ बघेल ने बताया कि जनताना सरकार अध्यक्ष व एरिया कमेटी सदस्य लखे की एनएमडी परियोजना के अस्पताल में इलाज करवाने की इंटेलीजेंस से सूचना मिली थी. 15 सितंबर को अस्पताल में भर्ती होने के बाद वह 16 को डिस्चार्ज हो गई.
उन्होंने बताया कि 18 सितंबर को वह दवा लेने अस्पताल आ रही थी. इस दौरान उसे हिरासत में लिया गया. डॉक्टरों ने उसे मलेरिया बीमारी होना बताया है. पुलिस के मुताबिक कुआकोंडा, अरनपुर और किरंदुल थाने में एक दर्जन से ज्यादा अपराध लखे के नाम दर्ज हैं.
लखे ने पुलिस को बताया कि उसे पुलिस की गतिविधियों पर विशेष नजर रखने और किसी बड़े नक्सली नेता के क्षेत्र में आने पर उन्हें इलाके में घुमाने की जिम्मेदारी मिली थी.
अरनपुर के बुरगुम की रहने वाली लखे 14 साल की उम्र से ही नक्सली संगठन से जुड़ गई थी. उसने नाट्य मंटली से संगठन में अपना सफर शुरू किया और बाद में उसे जनताना सरकार की अध्यक्ष बना दिया गया. बताया जाता है, जनताना सरकार अध्यक्ष रहते लखे जन अदालत में कई कई ग्रामीणों को सजा सुना चुकी है. सोनी सोरी के पिता को भी इसने गोली मारी थी, वह आज भी लंगड़ा कर चलते हैं.
Source : ndtv
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