वैज्ञानिकों ने दिमागी सिग्नल को पढ़ सकने वाली एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे बंदर भी आसानी से अंग्रेजी में टाइप कर सकते हैं।
इस एडवांस्ड तकनीक के माध्यम से असक्त व्यक्ति भी अन्य लोगों के साथ आसानी से संपर्क बना सकेंगे। स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के पूर्व शोधार्थी पॉल नूयूजुकियान ने कहा कि इस तकनीक को इंसानों पर प्रयोग किए जाने की पूरी संभावना है।
यह तकनीक एक सार्थक संवाद के लिए आवश्यक टाइपिंग स्पीड देती है। बंदर एक कीबोर्ड के आसपास कर्सर को घुमाते हुए सीधे दिमागी सिग्नल को पढ़ सकते हैं और फिर 12 शब्द प्रति मिनट लिख भी सकते हैं।
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